🔰 परिचय: पूर्व अमेरिकी राजदूत रहम इमैनुएल ने हाल ही में एक साक्षात्कार में दावा किया कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के साथ दशकों पुराने रणनीतिक संबंधों को अपने व्यक्तिगत हितों के लिए कमजोर किया। उन्होंने दो प्रमुख कारण बताए—नोबेल शांति पुरस्कार की लालसा और पाकिस्तान से जुड़े वित्तीय हित।
🧭 पृष्ठभूमि: भारत-अमेरिका संबंधों की रणनीतिक नींव
भारत और अमेरिका के बीच संबंधों की शुरुआत शीत युद्ध के बाद तेजी से मजबूत हुई। दोनों देशों ने रक्षा, व्यापार, तकनीक और आतंकवाद विरोधी अभियानों में सहयोग बढ़ाया।
- 2005 में न्यूक्लियर डील से द्विपक्षीय संबंधों को नई दिशा मिली।
- 2016 में अमेरिका ने भारत को ‘मेजर डिफेंस पार्टनर’ का दर्जा दिया।
- हाल के वर्षों में क्वाड (QUAD) जैसे मंचों पर सहयोग बढ़ा।
🗣️ रहम इमैनुएल का बड़ा आरोप
पूर्व अमेरिकी राजदूत रहम इमैनुएल, जो जापान में अमेरिका के प्रतिनिधि रह चुके हैं, ने ट्रंप पर गंभीर आरोप लगाए:
“ट्रंप ने 40 वर्षों की रणनीतिक योजना को इसलिए बर्बाद कर दिया क्योंकि मोदी ने उन्हें नोबेल पुरस्कार के लिए नामित नहीं किया।”
उन्होंने यह भी कहा कि ट्रंप के बेटे को पाकिस्तान से पैसे मिल रहे थे, जिससे ट्रंप की नीति प्रभावित हुई।
🏆 नोबेल पुरस्कार की चाहत और भारत की असहमति
ट्रंप ने कई बार दावा किया कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध को रोका। उन्होंने उम्मीद जताई थी कि प्रधानमंत्री मोदी उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित करेंगे।
भारत का रुख:
- भारत ने स्पष्ट किया कि सीज़फायर का निर्णय पूरी तरह स्वायत्त था।
- पीएम मोदी ने ट्रंप को फोन पर बताया कि अमेरिका की कोई भूमिका नहीं थी।
- भारत ने किसी भी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को खारिज किया।
💰 पाकिस्तानी पैसे और ट्रंप परिवार का संबंध
रहम इमैनुएल ने दावा किया कि ट्रंप के बेटे और उनके सहयोगी स्टीव विटकॉफ के बेटे को पाकिस्तान से फंडिंग मिल रही थी।
विशेषज्ञों के अनुसार:
- ट्रंप परिवार का पाकिस्तान में क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ा व्यापारिक हित है।
- यह डील ट्रंप के लिए आर्थिक रूप से लाभकारी रही।
- भारत की चीन-विरोधी रणनीति के बावजूद, ट्रंप ने पाकिस्तान को प्राथमिकता दी।
🔥 ट्रंप की विदेश नीति पर उठते सवाल
ट्रंप की विदेश नीति को कई विशेषज्ञ अस्थिर और व्यक्तिगत हितों से प्रेरित मानते हैं।
आलोचनाएं:
- टैरिफ वॉर के कारण भारत को 50% शुल्क का सामना करना पड़ा।
- रूस से तेल खरीदने पर भारत को धमकी दी गई।
- ट्रंप ने बार-बार भारत को दबाव में लाने की कोशिश की।
🤝 मोदी-ट्रंप संबंधों की जटिलता
हालांकि ट्रंप ने कई बार मोदी को “अच्छा दोस्त” बताया, लेकिन दोनों नेताओं के बीच मतभेद स्पष्ट रहे।
- ट्रंप ने सार्वजनिक मंचों पर भारत की तारीफ की।
- लेकिन निजी तौर पर उन्होंने भारत पर दबाव बनाने की कोशिश की।
- मोदी ने हमेशा भारत की स्वायत्तता को प्राथमिकता दी।
📊 विश्लेषण: भारत-अमेरिका संबंधों का भविष्य
संभावित प्रभाव:
- रणनीतिक साझेदारी पर असर पड़ा।
- चीन के खिलाफ संयुक्त मोर्चे की गति धीमी हुई।
- व्यापार और रक्षा सहयोग में अस्थिरता आई।
विशेषज्ञों की राय:
- अमेरिका को भारत के साथ दीर्घकालिक रणनीति पर ध्यान देना चाहिए।
- व्यक्तिगत हितों से ऊपर उठकर नीति बनानी चाहिए।
❓ अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
Q1. रहम इमैनुएल कौन हैं?
A. वे पूर्व अमेरिकी राजदूत हैं, जिन्होंने जापान में सेवा दी और ओबामा प्रशासन में चीफ ऑफ स्टाफ रहे।
Q2. ट्रंप को नोबेल पुरस्कार क्यों चाहिए था?
A. ट्रंप चाहते थे कि उन्हें भारत-पाकिस्तान युद्ध रोकने का श्रेय मिले और इसके आधार पर नोबेल शांति पुरस्कार मिले।
Q3. क्या भारत ने ट्रंप को नोबेल के लिए नामित किया?
A. नहीं, भारत ने स्पष्ट किया कि अमेरिका की कोई भूमिका नहीं थी और नामांकन नहीं किया।
Q4. ट्रंप का पाकिस्तान से क्या संबंध है?
A. रिपोर्ट्स के अनुसार, ट्रंप के बेटे को पाकिस्तान से फंडिंग मिल रही थी, जिससे उनकी नीति प्रभावित हुई।
Q5. क्या भारत-अमेरिका संबंध सुधर सकते हैं?
A. विशेषज्ञ मानते हैं कि दीर्घकालिक रणनीति और पारदर्शिता से संबंधों में सुधार संभव है।
🧾 निष्कर्ष
पूर्व राजदूत रहम इमैनुएल के आरोपों ने भारत-अमेरिका संबंधों की जटिलता को उजागर किया है। ट्रंप की व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाएं और पाकिस्तान से जुड़े आर्थिक हितों ने द्विपक्षीय संबंधों को प्रभावित किया। हालांकि भारत ने अपनी स्वायत्तता बनाए रखी, लेकिन इन घटनाओं ने रणनीतिक साझेदारी को चुनौती दी है।
External Source: Patrika Report
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