“रिकवरी एजेंट्स से परेशान हैं?” जानिए कैसे कानूनी तरीके से उन्हें रोक सकते हैं
“रिकवरी एजेंट्स से परेशान हैं?” भारत में लाखों लोग पर्सनल लोन, क्रेडिट कार्ड या अन्य वित्तीय उत्पादों के चलते EMI चुकाने में मुश्किलों का सामना करते हैं। जब कोई भुगतान समय पर नहीं होता, तो बैंक या फाइनेंस कंपनियां रिकवरी एजेंट्स को भेज देती हैं। ये एजेंट्स कई बार धमकी, बदसलूकी या मानसिक उत्पीड़न तक कर बैठते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपके पास ऐसे एजेंट्स को रोकने के कानूनी अधिकार हैं?
इस लेख में हम आपको बताएंगे 4 ऐसी बातें जो अगर आप रिकवरी एजेंट्स से कह दें, तो वो खुद माफी मांगेंगे और दोबारा परेशान नहीं करेंगे।
1. “आपकी कॉल रिकॉर्ड हो रही है और मैं इसकी शिकायत RBI को भेजूंगा”
“रिकवरी एजेंट्स से परेशान हैं? अक्सर फोन पर धमकी भरे लहजे में बात करते हैं। ऐसे में सबसे पहला कदम है—कॉल रिकॉर्ड करना। भारत में अगर आप खुद बातचीत का हिस्सा हैं, तो कॉल रिकॉर्ड करना पूरी तरह कानूनी है।
- कॉल रिकॉर्ड करते समय उन्हें साफ बता दें: “आपकी बात रिकॉर्ड हो रही है।”
- इसके बाद कहें: “अगर आपने दुर्व्यवहार किया, तो मैं RBI और बैंक की शिकायत सेल में इसकी रिपोर्ट करूंगा।”
इससे एजेंट को पता चल जाएगा कि आप जागरूक हैं और कानूनी कार्रवाई से नहीं डरते।
2. “मुझे आपकी आईडी दिखाइए, आप कौन हैं?”
कई बार रिकवरी एजेंट्स बिना किसी पहचान के घर या ऑफिस पहुंच जाते हैं। ये गैरकानूनी है।
- आप उनसे कह सकते हैं: “आपकी कंपनी का नाम और आईडी कार्ड दिखाइए।”
- अगर वो दिखाने से मना करें, तो कहें: “मैं पुलिस को कॉल करूंगा और आपको trespassing के लिए रिपोर्ट करूंगा।“
RBI के नियमों के अनुसार, कोई भी एजेंट बिना proper authorization के आपके पास नहीं आ सकता।
3. “आप मेरे पड़ोसियों या रिश्तेदारों से बात नहीं कर सकते—ये मेरी प्राइवेसी का उल्लंघन है”
कई बार एजेंट्स आपके पड़ोसियों या रिश्तेदारों को कॉल करके आपकी जानकारी फैलाते हैं। ये पूरी तरह से गैरकानूनी है और आपकी प्राइवेसी का उल्लंघन है।
- उन्हें साफ कहें: “आप मेरी जानकारी किसी और को नहीं दे सकते। ये IT Act और RBI के Consumer Protection Guidelines का उल्लंघन है।”
- साथ ही उन्हें चेतावनी दें: “अगर आपने ऐसा किया, तो मैं साइबर सेल और बैंक ओम्बड्समैन को शिकायत करूंगा।”
इससे एजेंट को समझ आ जाएगा कि आप कानूनी रूप से तैयार हैं।
4. “आप मुझे धमका नहीं सकते—ये मानसिक उत्पीड़न है और मैं FIR दर्ज करूंगा”
अगर कोई एजेंट आपको धमकाता है, डराने की कोशिश करता है या अपशब्द कहता है, तो ये IPC की धारा 503 और 506 के तहत अपराध है।
- कहें: “आपकी धमकी मानसिक उत्पीड़न है। मैं इसकी शिकायत पुलिस में करूंगा।”
- साथ ही उन्हें बताएं कि आप FIR दर्ज करने जा रहे हैं और उनके कॉल्स को सबूत के तौर पर इस्तेमाल करेंगे।
इस तरह की बात सुनते ही ज्यादातर एजेंट पीछे हट जाते हैं क्योंकि उन्हें पता होता है कि मामला कानूनी पचड़े में जा सकता है।
Bonus Tips: रिकवरी एजेंट्स से निपटने के लिए क्या करें और क्या न करें
✅ करें:
- हमेशा शांत रहें और बातचीत रिकॉर्ड करें
- एजेंट की पहचान मांगें
- अपने अधिकारों की जानकारी रखें
- बैंक से लिखित में रिकवरी प्रक्रिया की जानकारी मांगें
❌ न करें:
- एजेंट से बहस या मारपीट
- कोई भी दस्तावेज बिना पढ़े साइन करना
- डरकर गलत जानकारी देना
RBI के नियम क्या कहते हैं?
भारतीय रिज़र्व बैंक ने रिकवरी एजेंट्स के लिए स्पष्ट गाइडलाइंस जारी की हैं:
- एजेंट्स को सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक ही संपर्क करना चाहिए
- किसी भी तरह की धमकी, गाली-गलौज या उत्पीड़न की अनुमति नहीं है
- एजेंट्स को ग्राहक की प्राइवेसी का सम्मान करना होगा
- ग्राहक की शिकायत पर बैंक को तुरंत कार्रवाई करनी होगी
अगर कोई एजेंट इन नियमों का उल्लंघन करता है, तो आप RBI की वेबसाइट पर जाकर शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
शिकायत कैसे करें?
आप नीचे दिए गए तरीकों से शिकायत कर सकते हैं:
- बैंक की शिकायत सेल में ईमेल या कॉल करें
- RBI के Complaint Management System (CMS) पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज करें
- बैंकिंग ओम्बड्समैन से संपर्क करें
- साइबर सेल या लोकल पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज करें
निष्कर्ष: डरिए मत, जागरूक बनिए
रिकवरी एजेंट्स का मकसद होता है—आपसे पैसा वसूलना। लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि वो आपको डराएं या मानसिक रूप से परेशान करें। अगर आप अपने अधिकारों को जानते हैं और सही तरीके से जवाब देते हैं, तो कोई भी एजेंट आपको नुकसान नहीं पहुंचा सकता।
तो अगली बार जब कोई रिकवरी एजेंट आपको परेशान करे, तो ये 4 बातें जरूर बोलें। यकीन मानिए, वो खुद माफी मांगकर चला जाएगा।
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