नोएडा की पहली महिला डीएम मेधा रूपम का सख्त रवैया, समाधान दिवस में गैरहाजिर अफसरों की तनख्वाह रोकी
उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर में हाल ही में नियुक्त की गईं नई जिलाधिकारी (DM) IAS मेधा रूपम ने अपनी तेजतर्रार कार्यशैली से सबको चौंका दिया है। कार्यभार संभालते ही उन्होंने प्रशासनिक उदासीनता पर सख्त रुख अपनाते हुए कड़ा कदम उठाया। दादरी तहसील में आयोजित समाधान दिवस के दौरान अनुपस्थित पाए गए पांच अधिकारियों का वेतन रोकने का आदेश देकर यह साफ कर दिया कि अब जिले में लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
समाधान दिवस में अफसरों की गैरहाजिरी पर डीएम का कड़ा एक्शन
शनिवार को दादरी तहसील में समाधान दिवस का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता स्वयं डीएम मेधा रूपम ने की। इस अवसर पर बड़ी संख्या में ग्रामीण अपनी समस्याएं लेकर पहुंचे थे। डीएम ने मौके पर ही संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देशित किया कि लोगों की शिकायतों का तुरंत और प्रभावी समाधान किया जाए।
हालांकि, जब उन्होंने उपस्थिति रजिस्टर की जांच की, तो पाया कि 5 अधिकारी मौके पर मौजूद नहीं थे। इस पर नाराज़ होकर उन्होंने तत्काल प्रभाव से इन सभी अधिकारियों की वेतन रोकने का आदेश जारी कर दिया।
क्या होता है तहसील समाधान दिवस?
उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में तहसील समाधान दिवस एक विशेष प्रशासनिक पहल है, जिसका उद्देश्य जनता की समस्याओं का त्वरित निपटारा करना होता है। यह कार्यक्रम हर महीने के पहले और तीसरे शनिवार को आयोजित किया जाता है, जिसमें तहसील स्तर के अधिकारी, पुलिस, राजस्व, खाद्य आपूर्ति और अन्य विभागों के प्रतिनिधि मौजूद रहते हैं।
इस कार्यक्रम के जरिए लोग अपनी समस्याएं जैसे जमीन संबंधी विवाद, पेंशन, जाति प्रमाण पत्र, राशन कार्ड आदि सीधे अधिकारियों के सामने रखते हैं और वहीं पर समाधान पाने का प्रयास करते हैं।
IAS मेधा रूपम: कड़क अफसर, शूटर भी
मेधा रूपम सिर्फ एक कड़क प्रशासक ही नहीं, बल्कि एक नेशनल लेवल की राइफल शूटर भी हैं। उनका जन्म वर्ष 1990 में हुआ और वे चुनाव आयोग के वरिष्ठ अधिकारी ज्ञानेश कुमार की बेटी हैं। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफेन्स कॉलेज से इकनॉमिक्स में ग्रेजुएशन किया है।
मेधा रूपम 2014 बैच की IAS अधिकारी हैं। शुरुआत में उन्हें AGMUT कैडर आवंटित किया गया था, लेकिन चूंकि उनके पति मनीष बंसल पहले से ही उत्तर प्रदेश कैडर में कार्यरत थे, इसलिए बाद में मेधा रूपम का कैडर परिवर्तन कर यूपी कर दिया गया।
हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा किए गए 23 IAS अधिकारियों के तबादलों के तहत मेधा रूपम का स्थानांतरण कासगंज से गौतमबुद्ध नगर किया गया। वह नोएडा की पहली महिला डीएम बनने का गौरव भी हासिल कर चुकी हैं।
नोएडा में अफसरशाही पर लगेगा लगाम?
डीएम मेधा रूपम की इस कार्यशैली से साफ है कि नोएडा में अब अफसरशाही की सुस्ती पर लगाम लगने वाली है। समाधान दिवस जैसे कार्यक्रमों में जनता की भागीदारी और विश्वास तब ही बढ़ेगा जब अधिकारी समय पर मौजूद रहेंगे और उनकी शिकायतों का समाधान ईमानदारी से करेंगे।
मेधा रूपम ने यह साफ कर दिया है कि जो भी अधिकारी अपने कर्तव्यों से मुंह मोड़ेगा, उस पर सख्त कार्रवाई तय है। उनका यह कदम अन्य अधिकारियों के लिए भी एक स्पष्ट संदेश है कि अब किसी भी तरह की लापरवाही महंगी साबित हो सकती है।