नवरात्रि 2025 का अंतिम दिन, जिसे महा नवमी के नाम से जाना जाता है, देवी सिद्धिदात्री की पूजा और कन्या पूजन के लिए समर्पित है। यह दिन भक्तों के लिए विशेष आध्यात्मिक ऊर्जा और आशीर्वाद प्राप्त करने का अवसर होता है।
📅 महा नवमी 2025 की तिथि और समय
- नवमी तिथि प्रारंभ: 30 सितंबर 2025, शाम 6:06 बजे
- नवमी तिथि समाप्त: 1 अक्टूबर 2025, शाम 7:01 बजे
- कन्या पूजन का शुभ समय:
- लाभ और अमृत चौघड़िया: सुबह 6:13 से 9:11 बजे तक
- वैकल्पिक मुहूर्त: सुबह 10:40 से दोपहर 12:00 बजे तक
🙏 देवी सिद्धिदात्री की आराधना का महत्व
- देवी सिद्धिदात्री का नाम ‘सिद्धियों को देने वाली’ के रूप में जाना जाता है।
- यह दिन देवी के नौवें स्वरूप की पूजा के लिए समर्पित होता है।
- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, देवी ने सभी देवताओं को वरदान दिया था कि संकट के समय मां दुर्गा उनकी रक्षा करेंगी।
- तांत्रिक और साधक इस दिन विशेष पूजा करते हैं ताकि उन्हें आध्यात्मिक सिद्धियां प्राप्त हों।
🌸 नवरात्रि दिवस 9 का रंग और भोग
- इस वर्ष का शुभ रंग: गुलाबी
- देवी को अर्पित भोग:
- पूरी
- सूजी का हलवा
- काले चने
🧘♀️ पूजा विधि: चरण-दर-चरण प्रक्रिया
🪔 सुबह की तैयारी
- सूर्योदय से पहले उठें और पवित्र स्नान करें।
- घर को साफ करें और पूजा स्थल को सजाएं।
🍽️ भोग प्रसाद की तैयारी
- हलवा, पूरी, चना और सब्ज़ी बनाएं।
👧 कन्या पूजन विधि
- नौ छोटी कन्याओं और एक लांगुरिया (बालक) को आमंत्रित करें।
- उनके पैर धोएं, तिलक लगाएं और मौली बांधें।
- नारियल फोड़ें और देवी को भोग अर्पित करें।
- कन्याओं को भोजन कराएं और उपहार दें।
- उनके चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लें।
🔥 हवन पूजन
- नवमी के दिन हवन करना शुभ माना जाता है।
- मंत्रों का उच्चारण करें और देवी को आहुतियां दें।
📿 महा नवमी के मंत्र
- ॐ जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी दुर्गा क्षमा शिवाधात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तुते..!!
- सर्व स्वरूपे सर्वेशे सर्व शक्ति समन्विते भयेभ्ये स्त्रहि नौ देवी दुर्गे देवी नमोस्तुते..!!
📖 धार्मिक और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि
- नवरात्रि का अर्थ है नौ रातों तक देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा।
- महा नवमी को देवी सिद्धिदात्री के प्रादुर्भाव का दिन माना जाता है।
- यह दिन कन्या पूजन के माध्यम से स्त्री शक्ति के सम्मान का प्रतीक है।
- देवी दुर्गा द्वारा महिषासुर का वध इसी दिन हुआ था, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।
📌 कन्या पूजन का सामाजिक संदेश
- कन्या पूजन केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि समाज में बालिकाओं के सम्मान का प्रतीक है।
- यह परंपरा स्त्री शक्ति, करुणा और सृजनशीलता को सम्मानित करती है।
- कन्याओं को देवी का रूप मानकर पूजा करना समाज में लैंगिक समानता को बढ़ावा देता है।
📋 कन्या पूजन सामग्री सूची
- साफ जल और थाली
- तौलिया या कपड़ा
- महावर या अलता
- कुमकुम, सिंदूर, अक्षत
- मौली (पवित्र धागा)
- नारियल
- भोग प्रसाद: हलवा, पूरी, चना
- उपहार: चूड़ियां, कपड़े, स्टेशनरी आदि
📚 FAQs
❓ महा नवमी 2025 कब मनाई जाएगी?
1 अक्टूबर 2025 को महा नवमी का पर्व मनाया जाएगा।
❓ कन्या पूजन का शुभ समय क्या है?
सुबह 6:13 से 9:11 बजे तक और वैकल्पिक रूप से 10:40 से 12:00 बजे तक।
❓ देवी सिद्धिदात्री कौन हैं?
देवी सिद्धिदात्री दुर्गा के नौवें स्वरूप हैं, जो सभी सिद्धियों को प्रदान करती हैं।
❓ महा नवमी पर क्या भोग अर्पित किया जाता है?
हलवा, पूरी और काले चने का भोग अर्पित किया जाता है।
❓ क्या महा नवमी पर हवन आवश्यक है?
हां, नवमी पर हवन करना शुभ माना जाता है और यह पूजा का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
📝 निष्कर्ष
महा नवमी 2025 नवरात्रि का अंतिम और अत्यंत पवित्र दिन है, जिसमें देवी सिद्धिदात्री की पूजा और कन्या पूजन का विशेष महत्व होता है। यह दिन न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि सामाजिक रूप से भी स्त्री शक्ति के सम्मान का प्रतीक है। सही विधि और शुभ मुहूर्त में पूजा करने से भक्तों को सुख, समृद्धि और आध्यात्मिक शांति प्राप्त होती है।
External Source: Patrika Report
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