भावांतर योजना 2025: किसानों को मिलेगा एमएसपी का पूरा लाभ
मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों को राहत देने के उद्देश्य से भाव पूरा लाभ
मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों को राहत देने के उद्देश्य से भावांतर योजना 2025 कीांतर योजना 2025 की शुरुआत की है। 3 अक्टूबर से रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरुआत की है। 3 अक्टूबर से रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है शुरू हो चुकी है, जिसके तहत सोयाबीन उत्पादक किसानों को मंडी भाव और न्यूनतम समर्थन मूल्य, जिसके तहत सोयाबीन उत्पादक किसानों को मंडी भाव और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के अंतर की भरपाई की जाएगी।
(MSP) के अंतर की भरपाई की जाएगी।
📜 योजना—
📜 योजना का उद्देश्य और पृष्ठभूमि
मुख्यमंत्री का उद्देश्य और पृष्ठभूमि
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा डॉ. मोहन यादव द्वारा शुरू की गई यह योजना राज्य के पंजीकृत शुरू की गई यह योजना राज्य के पंजीकृत किसानों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने किसानों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए बनाई गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित के लिए बनाई गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित सोयाबीन का MSP ₹ सोयाबीन का MSP ₹5328 प्रति क्विंटल है। लेकिन मंडियों में अक्सर इससे कम मूल्य मिलने पर5328 प्रति क्विंटल है। लेकिन मंडियों में अक्सर इससे कम मूल्य मिलने पर किसानों को नुकसान किसानों को नुकसान उठाना पड़ता है। इसी अंतर को भरने के लिए राज्य सरकार उठाना पड़ता है। इसी अंतर को भरने के लिए राज्य सरकार ने भावांतर योजना लागू की है ने भावांतर योजना लागू की है1।
🧮 कैसे काम करती है भाव।
🧮 कैसे काम करती है भावांतर योजना?
भावांतर योजना के तहत दो स्थितियों मेंांतर योजना?
भावांतर योजना के तहत दो स्थितियों में किसानों को लाभ मिलेगा किसानों को लाभ मिलेगा:
- **मंडी भाव MSP से कम लेकिन:
- मंडी भाव MSP से कम लेकिन मॉडल रेट से अधिक:
- सरकार मॉडल रेट से अधिक:**
- सरकार MSP और विक्रय मूल्य MSP और विक्रय मूल्य के बीच का अंतर दे के बीच का अंतर देगी।
- **मंडी भावगी।
- मंडी भाव मॉडल रेट से भी कम मॉडल रेट से भी कम:
- सरकार:**
- सरकार MSP और मॉडल रेट MSP और मॉडल रेट के बीच का अंतर दे के बीच का अंतर देगी।
उदाहरण के तौर पर, यदि मंडी मेंगी।
उदाहरण के तौर पर, यदि मंडी में सोयाबीन का मूल्य ₹4600 प्रति क्व सोयाबीन का मूल्य ₹4600 प्रति क्विंटल है, तो किसान को ₹5328 – ₹4600 = ₹728 प्रति क्विंटल है, तो किसानिंटल की भरपाई मिलेगी।
🧑🌾 पात्रता: कौन ले सकता है योजना का लाभ?
- केवल पंजीकृत किसान ही योजना के लिए पात्र होंगे।
- किसान को सोयाबीन की फसल मंडी में बेचनी होगी।
- फसल की बिक्री MSP से कम मूल्य पर होनी चाहिए।
- किसान का बैंक खाता आधार से लिंक होना अनिवार्य है।
📅 रजिस्ट्रेशन की तारीखें और स्थान
- शुरुआत: 3 अक्टूबर 2025
- अंतिम तिथि: 17 अक्टूबर 2025
- रजिस्ट्रेशन केंद्र:
- एमपी ऑनलाइन केंद्र
- ग्राम सोसायटी
- मंडी कार्यालय
- कियोस्क सेंटर
🖥️ ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया: स्टेप-बाय-स्टेप गाइड
🔹 स्टेप 1: वेबसाइट पर जाएं
http://mpeuparjan.nic.in/mpeuparjan/Home.aspx पर जाकर खरीफ/रबी सत्र और वर्ष का चयन करें।
🔹 स्टेप 2: किसान पंजीयन फॉर्म भरें
- समग्र आईडी
- आधार नंबर
- मोबाइल नंबर
- बैंक खाता विवरण
🔹 स्टेप 3: भूमि विवरण दर्ज करें
- खसरा नंबर
- राजस्व रिकॉर्ड
🔹 स्टेप 4: दस्तावेज अपलोड करें
- आधार कार्ड
- बैंक पासबुक
- खेती से जुड़े दस्तावेज
🔹 स्टेप 5: आवेदन की जांच करें
- सभी जानकारी सही है या नहीं
- दस्तावेज अपलोड हुए हैं या नहीं
- फिर आवेदन सबमिट करें
📂 जरूरी दस्तावेजों की सूची
- आधार कार्ड
- बैंक पासबुक
- भूमि और फसल से संबंधित दस्तावेज
सभी दस्तावेजों को स्कैन कर फॉर्म के साथ अपलोड करना अनिवार्य है।
💡 योजना से जुड़े मुख्य लाभ
- किसानों को सीधा बैंक खाते में भुगतान मिलेगा।
- फसल नुकसान की स्थिति में भी राहत राशि दी जाएगी।
- पारदर्शी और सुरक्षित भुगतान प्रणाली लागू की गई है।
- राजस्व विभाग द्वारा सत्यापन के बाद ही भुगतान होगा।
❓ अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
Q1. भावांतर योजना किस फसल के लिए लागू है?
👉 यह योजना केवल सोयाबीन की फसल के लिए लागू है।
Q2. क्या सभी किसान आवेदन कर सकते हैं?
👉 केवल पंजीकृत किसान ही आवेदन कर सकते हैं।
Q3. भुगतान कैसे मिलेगा?
👉 भुगतान DBT के माध्यम से सीधे बैंक खाते में आएगा।
Q4. आवेदन की अंतिम तिथि क्या है?
👉 17 अक्टूबर 2025 अंतिम तिथि है।
Q5. क्या ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन संभव है?
👉 हां, एमपी ऑनलाइन केंद्र, ग्राम सोसायटी और मंडी कार्यालय में रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है।
🔚 निष्कर्ष
भावांतर योजना 2025 मध्य प्रदेश सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है, जो किसानों को मंडी भाव और MSP के अंतर की भरपाई करके आर्थिक सुरक्षा प्रदान करती है। रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और 17 अक्टूबर तक आवेदन किया जा सकता है। किसानों को सलाह दी जाती है कि वे समय रहते आवेदन करें और सभी दस्तावेज सही तरीके से अपलोड करें।
External Source: Patrika Report
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