NH-43 सांधा पुल में दरारें और टूटी सड़कें बनीं हादसे का खतरा

NH-43 पर सांधा पुल की हालत चिंताजनक, हादसे की आशंका बढ़ी

अनूपपुर जिले के नेशनल हाइवे-43 पर स्थित सांधा पुल की दीवारों और सड़क में आई गहरी दरारें अब एक बड़े हादसे की चेतावनी बन चुकी हैं। वर्ष 2018 में निर्मित इस पुल की मरम्मत पहले भी की जा चुकी है, लेकिन अब फिर से इसकी संरचना में गंभीर क्षति देखी जा रही है

🏗️ पुल की संरचना में दरारें: सुरक्षा पर सवाल

📍 दीवारों से लेकर सड़क तक दरारें

  • सांधा मोड़ पर बने इस ओवरब्रिज की रिटेनिंग वॉल में कई स्थानों पर दरारें स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही हैं।
  • कुछ हिस्सों में कंक्रीट टूट चुका है, जिससे सरिया बाहर झांकता नजर आता है।
  • सड़क के ऊपरी हिस्से में भी दरारें फैल चुकी हैं, जिन्हें अस्थायी रूप से डामर और गिट्टी से ढंका गया है।

📉 मिट्टी धंसने से स्थिति और बिगड़ी

स्थानीय लोगों का कहना है कि पुल के दोनों ओर मिट्टी के धंसने से सड़क की मजबूती और भी कम हो गई है। इससे वाहनों के गुजरने पर कंपन बढ़ता है, जो संरचना को और कमजोर करता है।

🚛 भारी वाहनों की आवाजाही और मेंटेनेंस की अनदेखी

💰 टोल वसूली जारी, मरम्मत कार्य ठप

  • NH-43 जिले के सबसे व्यस्त मार्गों में से एक है, जहां कोयला लोड ट्रकों और भारी वाहनों की आवाजाही दिनभर होती है।
  • टोल टैक्स की वसूली नियमित रूप से की जा रही है, लेकिन पुल की मरम्मत कार्य महीनों से रुका हुआ है।
  • राहगीरों का कहना है कि पुल के स्लैब का ऊपरी हिस्सा भी टूटना शुरू हो गया है।

🛑 विभागीय निष्क्रियता

पुल की स्थिति को देखते हुए स्थानीय नागरिकों और सामाजिक संगठनों ने कई बार विभाग को सूचित किया, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।

🧱 किरर घाट की अधूरी रिटेनिंग वॉल: एक और खतरा

📌 दो साल से अधूरा पड़ा निर्माण कार्य

  • अनूपपुर-राजेंद्रग्राम मार्ग पर स्थित किरर घाट की रिटेनिंग वॉल का निर्माण कार्य दो वर्षों से अधूरा है।
  • ₹18 करोड़ की लागत से शुरू हुए इस प्रोजेक्ट का 800 मीटर हिस्सा अब भी अधूरा है।

📤 प्रस्ताव भेजा गया, मंजूरी का इंतजार

एमपीआरडीसी के महाप्रबंधक अवधेश स्वर्णकार ने बताया कि विभाग ने ₹6 करोड़ का प्रस्ताव वरिष्ठ कार्यालय को भेजा है। स्वीकृति मिलते ही कार्य शुरू किया जाएगा।

🌧️ बारिश में बढ़ता है भूस्खलन का खतरा

  • अधूरी रिटेनिंग वॉल के कारण बारिश के मौसम में भूस्खलन की आशंका बढ़ जाती है।
  • सड़क किनारे की मिट्टी बहने से वाहनों के फिसलने और दुर्घटनाओं की संभावना रहती है।

📊 तकनीकी विश्लेषण: पुल की मरम्मत क्यों जरूरी?

🔍 विशेषज्ञों की राय

  • इंजीनियरिंग विशेषज्ञों के अनुसार, रिटेनिंग वॉल में दरारें पुल की नींव को कमजोर करती हैं।
  • सरिया का बाहर आना और कंक्रीट का टूटना संरचनात्मक विफलता का संकेत है।

📈 संभावित जोखिम

  1. पुल के ध्वस्त होने की आशंका
  2. भारी वाहन गुजरने पर कंपन से और क्षति
  3. राहगीरों की जान को खतरा
  4. यातायात बाधित होने की संभावना

🗣️ स्थानीय लोगों की मांगें

  • स्थायी मरम्मत कार्य जल्द शुरू किया जाए।
  • टोल वसूली के साथ-साथ मेंटेनेंस को प्राथमिकता दी जाए।
  • पुल के दोनों ओर चेतावनी बोर्ड लगाए जाएं।
  • किरर घाट की अधूरी दीवार को जल्द पूरा किया जाए।

🏢 प्रशासनिक प्रतिक्रिया

एमपीआरडीसी के अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि प्रस्ताव भेजा जा चुका है और राशि की स्वीकृति मिलते ही कार्य शुरू किया जाएगा। हालांकि, अब तक कोई निश्चित समयसीमा नहीं बताई गई है।

❓ अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

Q1. सांधा पुल की मरम्मत कब शुरू होगी?

विभाग ने ₹6 करोड़ का प्रस्ताव भेजा है, स्वीकृति मिलते ही कार्य शुरू होगा।

Q2. क्या पुल से गुजरना सुरक्षित है?

वर्तमान स्थिति में भारी वाहनों के लिए यह जोखिमपूर्ण हो सकता है।

Q3. किरर घाट की दीवार का निर्माण कब पूरा होगा?

दो साल से कार्य रुका हुआ है, प्रस्ताव स्वीकृत होने पर कार्य फिर शुरू होगा।

Q4. क्या टोल टैक्स वसूली जारी है?

हां, टोल टैक्स नियमित रूप से वसूला जा रहा है, लेकिन मरम्मत कार्य रुका हुआ है।

📝 निष्कर्ष

NH-43 पर स्थित सांधा पुल और किरर घाट की रिटेनिंग वॉल की स्थिति गंभीर चिंता का विषय बन चुकी है। लगातार दरारें, अस्थायी मरम्मत और प्रशासनिक निष्क्रियता के बीच राहगीरों की सुरक्षा खतरे में है। विभागीय प्रस्तावों की स्वीकृति और शीघ्र मरम्मत कार्य ही इस संकट का समाधान हो सकता है।

External Source: Patrika Report

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