राजस्थान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्तावित दौरे से पहले उदयपुर के चर्चित कन्हैयालाल हत्याकांड को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जयपुर में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस मामले को उठाते हुए केंद्र और राज्य की बीजेपी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए।
🕵️♂️ कन्हैयालाल हत्याकांड: एक बार फिर चर्चा में क्यों?
📅 घटना की पृष्ठभूमि
- 28 जून 2022 को उदयपुर में दर्जी कन्हैयालाल की दुकान में दो लोगों ने बेरहमी से हत्या कर दी थी।
- हत्या का वीडियो वायरल हुआ, जिससे देशभर में आक्रोश फैल गया।
- हत्या के पीछे धार्मिक कट्टरता को कारण बताया गया था।
🧵 तत्काल कार्रवाई
- गहलोत सरकार ने घटना के तीन घंटे के भीतर मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया।
- पीड़ित परिवार को ₹50 लाख की आर्थिक सहायता दी गई।
⚖️ गहलोत का आरोप: NIA की जांच में देरी क्यों?
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि तीन साल बीतने के बावजूद दोषियों को सजा नहीं मिली है।
🔍 गहलोत के मुख्य आरोप:
- NIA ने केस को फास्ट ट्रैक में नहीं चलाया।
- तीन मुख्य गवाहों के बयान अब तक दर्ज नहीं हुए।
- NIA कोर्ट में पिछले छह महीने से कोई सुनवाई नहीं हुई।
- जज का तबादला होने से केस अटका हुआ है।
📌 जमानत पर रिहा आरोपी:
- मोहम्मद जावेद को सितंबर 2024 में राजस्थान हाईकोर्ट से जमानत मिली थी।
- फरहाद मोहम्मद शेख को फरवरी 2024 में आर्म्स एक्ट के तहत जमानत मिली।
गहलोत ने कहा कि यह देरी पीड़ित परिवार और समाज के विश्वास को कमजोर कर रही है।
🧑⚖️ बीजेपी पर गंभीर आरोप: क्या है सियासी कनेक्शन?
गहलोत ने दावा किया कि हत्याकांड के मुख्य आरोपी बीजेपी कार्यकर्ता थे और उनकी तस्वीरें तत्कालीन बीजेपी नेता गुलाबचंद कटारिया के साथ सामने आई थीं।
📸 तस्वीरों पर विवाद
- गहलोत ने कहा कि आरोपी की कटारिया के साथ तस्वीरें सामने आई थीं।
- उन्होंने यह भी माना कि तस्वीरें अपने आप में पूर्ण सबूत नहीं हैं।
🗣️ पुलिस कार्रवाई पर सवाल
- गहलोत ने आरोप लगाया कि बीजेपी नेताओं ने आरोपियों को थाने से छुड़वाने की कोशिश की थी।
- उन्होंने कहा कि यदि उनकी सरकार सत्ता में होती तो छह से आठ महीने में दोषियों को सजा हो चुकी होती।
👨👩👦 पीड़ित परिवार की स्थिति: न्याय की प्रतीक्षा
गहलोत ने हाल ही में कन्हैयालाल के परिवार से मुलाकात की। उन्होंने बताया कि:
- कन्हैयालाल के बेटे का बयान अब तक दर्ज नहीं हुआ है।
- पत्नी को मुआवजे की राशि कम बताने के लिए दबाव डाला गया।
गहलोत ने कहा कि यह केवल एक परिवार की नहीं, बल्कि पूरे समाज की लड़ाई है।
🧭 पीएम मोदी से गहलोत की अपील
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगामी राजस्थान दौरे को लेकर गहलोत ने मांग की कि:
- पीएम को कन्हैयालाल के परिवार से मिलना चाहिए।
- उन्हें न्याय का भरोसा देना चाहिए।
- अब तक हुई जांच की प्रगति को सार्वजनिक किया जाए।
गहलोत ने यह भी याद दिलाया कि पीएम ने पिछले दौरे में मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने का वादा किया था, जो अब तक पूरा नहीं हुआ।
🏥 कपासन हिंसा मामला: भजनलाल सरकार पर भी निशाना
गहलोत ने चित्तौड़गढ़ के कपासन में एक युवक सूरज माली के साथ हुई कथित मारपीट का मामला उठाया।
🩺 पीड़ित की स्थिति:
- युवक के दोनों पैरों में 25 फ्रैक्चर हैं।
- वह अहमदाबाद के अस्पताल में भर्ती है।
गहलोत ने आरोप लगाया कि:
- इस मामले में बीजेपी विधायक के परिवार का नाम सामने आया है।
- लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
उन्होंने कहा, “लोग कह रहे हैं कि राजस्थान में सरकार नाम की कोई चीज नहीं बची है।”
📊 राजनीतिक विश्लेषण: चुनावी माहौल में मुद्दों की पुनरावृत्ति
राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए कन्हैयालाल हत्याकांड का मुद्दा फिर से उठाया जाना राजनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
🔎 विश्लेषण बिंदु:
- बीजेपी ने इस मामले को चुनावी मुद्दा बनाया था।
- कांग्रेस इसे न्याय और प्रशासनिक निष्क्रियता से जोड़ रही है।
- NIA की निष्क्रियता पर सवाल उठाकर कांग्रेस जनता की सहानुभूति पाने की कोशिश कर रही है।
📚 FAQs
❓ कन्हैयालाल हत्याकांड कब हुआ था?
यह घटना 28 जून 2022 को उदयपुर में हुई थी।
❓ मुख्य आरोपी कौन थे?
मुख्य आरोपी रियाज और गौस मोहम्मद थे, जिन्हें घटना के कुछ घंटे बाद गिरफ्तार किया गया।
❓ NIA की जांच में देरी क्यों हो रही है?
गहलोत के अनुसार, राजनीतिक दबाव और कोर्ट में जज के तबादले के कारण जांच में देरी हो रही है।
❓ क्या पीएम मोदी ने इस मामले पर कोई प्रतिक्रिया दी है?
अब तक पीएम मोदी ने इस मामले पर कोई सार्वजनिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।
🔚 निष्कर्ष: न्याय की मांग और सियासी आरोपों के बीच फंसा मामला
कन्हैयालाल हत्याकांड एक संवेदनशील मामला है, जिसने पूरे देश को झकझोर दिया था। तीन साल बाद भी न्याय की प्रतीक्षा और जांच में देरी ने इसे फिर से सियासी बहस का केंद्र बना दिया है। अशोक गहलोत के आरोपों ने इस मुद्दे को फिर से चर्चा में ला दिया है, खासकर पीएम मोदी के दौरे से पहले।
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